Computer Security Basics- How to Protect from Viruses, Hackers, Keyloggers, data Thieves

 बेसिक कंप्यूटर सुरक्षा: वायरस, हैकर्स, कीलॉगर और डेटा चोरों से खुद को होने वाले नुकसान और अपने कंप्यूटर को कैसे सुरक्षित रखें

जब कंप्यूटर सुरक्षा की बात आती है तो आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि यह एक बहुत ही जटिल विषय है जिसमें कि बहुत ही उच्च तकनीक शामिल है । लेकिन जब इसके महत्व की बात करें तो यह कोई साधारण विषय नहीं है और प्रैक्टिकली सोचे तो इससे सुरक्षित रहने के उपाय बहुत ही सरल है । यहां हम आपको कुछ ऐसी चीजें बता रहे हैं जिनका आपको अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपनाना बहुत जरूरी है।

 

Computer Security Basics


अपने कंप्यूटर पर स्वचालित अपडेट(Automatic Updates हमेशा इनेबल(Enabled) रखें

हम चाहे कंप्यूटर और इंटरनेट पर काम करते समय हम कई तरह के सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते हैं और इन सॉफ्टवेयर पर यानी डिवाइस पर कभी भी वायरस/ मालवेयर का हमला होने का खतरा बना रहता है । यह समस्याएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है और इसीलिए इन हमलों से निपटने की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है । हम चाहे माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, इंटरनेट एक्सप्लोरर, मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स, गूगल क्रोम, एडोब फ्लैश प्लगइन, एडोब के पीडीएफ रीडर, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस किसी पर भी काम कर रहे हो, यह सूची बहुत लंबी है, मालवेयर हमलों का खतरा सब पर हर समय बना रहता है । हर दिन हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी सॉफ्टवेयर की सुरक्षा के मुद्दों से निपटने की आवश्यकता है।


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यह सिक्योरिटी होल्स क्या होते हैं? इनका इलाज क्या है?

किसी भी सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को डिजाइन करते समय आमतौर पर कुछ कमियां रह जाती है जिन्हें टेक्निकली सुरक्षा छिद्र(Security Holes) कहा जाता है । साइबर अपराधी बहुत बार इन सुरक्षा छिद्र(Security Holes) का पता लगा लेते हैं और फिर इनको टारगेट करते हैं । इन सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम के निर्माता लगातार इन सुरक्षा छिद्र(Security Holes) को बंद करने के लिए पैच(Patch) तैयार करते हैं और उपयोगकर्ताओं को स्वचालित अपडेट के जरिए उपलब्ध करवाते हैं। अब आपको अपने सॉफ़्टवेयर को अपडेट करने के लिए किसी बटन पर क्लिक करने या किसी फ़ाइल को डाउनलोड करने की आवश्यकता भी नहीं है; यह सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम आपसे किसी भी इनपुट के बिना ही पृष्ठभूमि में खुद को अपडेट करते रहते हैं।


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कुछ उपभोक्ता हार्ड डिस्क स्पेस बचाने के लिए या अपने इंटरनेट डाटा खर्च कम करने के लिए या किसी अन्य कारण से ऑटोमेटिक अपडेट बंद कर देते हैं । कुछ लोग तो सिर्फ इसलिए ऑटोमेटिक अपडेट बंद कर देते हैं कि वह अपना सिस्टम रीस्टार्ट नहीं करना चाहते । कुछ लोग सिर्फ इसलिए अपडेट नहीं करना चाहते कि वह अपने वर्तमान विंडो/सिस्टम में कोई परिवर्तन नहीं चाहते । लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से ऑटोमेटिक अपडेट बहुत महत्वपूर्ण है । कृपया ध्यान रखें की ऑटोमेटिक अपडेट या तो सुरक्षा पैच(Patch) उपलब्ध करवाते हैं या आपके ऑपरेटिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार करते हैं । इसलिए ऑटोमेटिक अपडेट हमेशा इनेबल रखें अगर आपने अपने सिस्टम में पहले से ही ऑटोमेटिक अपडेट डिसएबल कर रखा है तो कृपया इसे तुरंत इनेबल कर ले । जो उपभोक्ता काम करते समय बीच में अपने सिस्टम को रीस्टार्ट नहीं करना चाहते उनकी जानकारी के लिए मैं बता देना चाहता हूं कि आप चाहे तो रीस्टार्ट बाद में भी कर सकते हैं आप जब अपना सिस्टम स्वेच्छा से शटडाउन करेंगे और आवश्यकतानुसार फिर से स्टार्ट करेंगे उस समय भी विंडो रीस्टार्ट की कार्रवाई अपने आप कर लेगा ।


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अपने कंप्यूटर को अप-टू-डेट रखना, ऑनलाइन खतरों के खिलाफ इसे सुरक्षित रखने का सबसे पहला उपाय है। Microsoft Corporation प्रत्येक महीने के दूसरे मंगलवार को विंडोज और संबंधित Microsoft उत्पादों (डिफेंडर, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस आदि Windowa Defender,  Microsoft Office etc.) के लिए अपडेट प्रदान करता है। Apple ने यद्यपि अपडेट उपलब्ध कराने के लिए कोई निर्धारित समय-सीमा नहीं तय कर रखी है, लेकिन वे भी नियमित रूप से अपडेट प्रदान करते रहते हैं। ये अपडेट न केवल बग Fix करते हैं, बल्कि वे सुरक्षा छेदों(Security Holes) को भी पैच अप(Patch Up) करते हैं। कृपया जान लीजिए कि नवीनतम ज्ञात कमजोरियों(latest known vulnerabilities) के खिलाफ खुद को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है ऑटोमेटिक अपडेट्स। साइबर अपराधी हमेशा अनपेचड सिस्टम्स(unpatched systems) की तलाश में रहते हैं जिन पर वे हमला कर सकें और स्वचालित अपडेट आपको हमलो से दूर रखता है।


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अपने डिवाइस में एक अच्छे व अपडेटेड एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर का उपयोग करें 

 एंटीवायरस और एंटी मालवेयर की हालत यह है कि ऐसा लगता है जैसे हर दो साल में आपको ऐसा लेख पढ़ने को मिल सकता है जो यह कहे कि हमने जो एंटीवायरस डिजाइन किया है वह सबसे अच्छा है। कुछ एंटीवायरस क्रिएटर कहेंगे कि आपने अभी तक जो आधा दर्जन एंटीवायरस ट्राई किए हैं, मेरा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर उन सबसे श्रेष्ठ है। कुछ लोग अपने आपको ऑनलाइन सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हुए लेख लिखेंगे कि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर अब कतई प्रासंगिक नहीं है और यदि आप इसका उपयोग करते हैं तो आप को इस विषय में कोई जानकारी ही नहीं है ।


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आप इंटरनेट का उपयोग करते समय चाहे कितनी भी सावधानी बरतें फिर भी आपको टीवायरस चलाना जरूरी है । अब सवाल यह उठता है कि कौन सा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर चलाएं ? यह निर्णय करना आपके ऊपर है - अगर विंडोज डिफेंडर के बारे में विचार करें तो यह आपकी विंडोज के साथ फ्री में आता है, ऑटोमेटिकली अपडेट होता है, विंडोज की आवश्यकताओं के अनुसार विशेष रूप से बनाया गया है और यह मैनुअल स्कैन या स्वचालित स्कैन किसी भी समय आपके विंडोज की परफॉर्मेंस को कतई प्रभावित नहीं करता । हमारा विचार यह है कि विंडोज के लिए यह एक आदर्श एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है और पर्याप्त भी है । पूर्णतया प्रभावी होने के लिए, एक एंटीवायरस एप्लिकेशन को गहन स्तर पर(deep level) ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ एकीकृत(integrate) करने की आवश्यकता होती है। और विंडोज़ के इंटर्नल्स के बारे में विंडोज की टीम से बेहतर जानकारी अन्य किसी एंटीवायरस बनाने वाली टीम को होना कतई असंभव है । इसके अलावा, यह आपको अन्य कोई उत्पाद को खरीदने या उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित भी नहीं करेगा जैसे कि आमतौर पर अन्य उत्पाद बेचने वालों की ऐसी आदत होती है । 

 

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 यदि आप इंटरनेट को अंधेरे कोनों(the shadier corners of the internet Or the Dark web) जिसे डार्क वेब कहते हैं पर समय बिताने की आदत है, तो आप को एक मजबूत एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की जरूरत महसूस हो सकती है, लेकिन लगभग सभी घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए, विंडोज डिफेंडर निश्चय ही एक श्रेष्ठ एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है। हालाँकि, आप चाहे तो एंटीवायरस के अलावा, आपके एंटीवायरस के साथ मालवेयरबाइट्स का उपयोग भी कर सकते हैं । कुछ लोगों का मानना है कि मालवेयरबाइट्स जैसे एप्लिकेशन मालीशियस सॉफ्टवेयर के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं जो पारंपरिक एंटीवायरस नहीं करते हैं। ब्राउज़र हाईजैकर री-डायरेक्टर्स और विज्ञापन इंजेक्टर(browser hijackers re-directors and advertisement injectors) जैसे दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम बिल्कुल वैध नेटवर्क की तरह व्यवहार करते हैं। यद्यपि वे तकनीकी रूप से वायरस नहीं हैं, लेकिन निश्चय ही प्रॉब्लम क्रिएटर है इसलिए आप निश्चित रूप से उन्हें कतई नहीं चाहते हैं। 


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 मजबूत और बेहतर पासवर्ड रखें और उन्हें स्वचालित कर ले

यह तो आप निश्चय ही जानते हैं कि पासवर्ड कितने महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन आप शायद यह नहीं जानते हैं कि पासवर्ड वास्तव में कितने महत्वपूर्ण हैं - और कितने भयानक भी हैं। 

 इस समय इंटरनेट के वह पुराने दिन नहीं है जब आप एक ही सरल सा पासवर्ड रख लेते थे और इसे हर जगह उपयोग कर लेते थे । लेकिन आजकल वह जमाना नहीं है अगर आपने एक ही पासवर्ड रखा है और आपका पासवर्ड लीक हो गया तो इसका मतलब है कि आपका सब कुछ हैक हो गया क्योंकि आप तो सब जगह एक ही पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं । 

आपको लंबे और जटिल पासवर्ड का उपयोग करने की आवश्यकता है जिसमें लेटर, फिगर, सिंबल, अपरकेस, लोअरकेश आदि सब सम्मिलित किए गए हो और साथ ही यह भी ध्यान रखें कि हर खाते के लिए अलग-अलग पासवर्ड हो । अगर एक ही पासवर्ड सबके लिए रख लिया तो एक के लीक होते ही बाकी सब तो ऑटोमेटिकली ही लीक हो गए। इसके लिए आप किसी विश्वसनीय पासवर्ड मैनेज करने वाली वेबसाइट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं । आप अपना पासवर्ड किसी पासवर्ड जनरेट करने वाली वेबसाइट से भी जनरेट करवा सकते हैं क्योंकि ऐसा पासवर्ड हमेशा स्ट्रांग ही होता है । 

 

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यद्यपि यह आपको असुविधा जनक लग सकता है लेकिन उदाहरण के लिए आपको अपने मोबाइल के लिए अलग तथा पीसी के लिए अलग पासवर्ड रखने चाहिए । यदि कुछ अतिरिक्त की दबाने, क्लिक करने या टैप करने से अगर आपको अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है तो यह सौदा महंगा नहीं है बल्कि यह आपकी जानकारी को सुरक्षित रखने का एक आसान और महत्वपूर्ण तरीका है । एक अच्छा पासवर्ड दरवाजे पर एक बहुत अच्छे लॉक की तरह है, लेकिन ताले को उठाया जा सकता है। एन्क्रिप्शन जोड़ने से वह दरवाजा बंकर में बदल जाता है। यदि आप अपने कंप्यूटर या फोन को एन्क्रिप्ट करते हैं, तो आप चोरों को अपने डेटा को अन्य उन्नत साधनों से प्राप्त करने से रोकते हैं। यदि आपके पास विंडोज प्रो या एंटरप्राइज है, या आपके पास विंडोज होम है तो वेराक्रिप्ट के साथ, तथा आप विंडोज पर बिटलॉकर का उपयोग भी कर सकते हैं। 

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 अपने फोन या कंप्यूटर को कभी भी सूना(Unattended) न छोड़ें 

यह आपको स्पष्ट लग सकता है, लेकिन यह कह देना चाहिए, मेरा मतलब है कभी भी अपने डिवाइस को कंप्यूटर, लैपटॉप या फोन(Computer. Laptop or Phone) को सार्वजनिक रूप से सूना(Unattended) न रखें। अपने घर में कॉफी टेबल पर, अपनी मेज पर या अन्य जगह? ऐसा बिल्कुल नहीं करें। क्योंकि ऐसा करना यह माना जाएगा कि आपने चोरों को अपना फोन चोरी करने के लिए इनवाइट किया है। 

यदि आपका डिवाइस चोरी हो जाता है, तो इसका मतलब सिर्फ इतना ही नहीं है कि आपने एक महंगा डिवाइस खो दिया है बल्कि यह भी है कि आपने अपने फोन के अंदर इंस्टॉल किए गए बहुत महत्वपूर्ण डाटा भी खो दिए हैं अर्थात अगर आप अपने डिवाइस अनअटेंडेड छोड़ देते हैं और आपने सभी सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया है, तो सबसे खराब स्थिति यह है कि किसी अनजान व्यक्ति के पास आपका महंगा डिवाइस तो है ही साथ ही आपकी सभी निजी जानकारी भी है। 


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जानिए ई-मेल में कौन सी लिंक पर क्लिक करना चाहिए और कौन सी लिंक पर नहीं क्लिक करना है 

 आप निश्चय ही समय समय पर सुनते होंगे कि जिन लोगों को आप जानते नहीं हैं, ऐसे लोगों से प्राप्त किसी ईमेल को ना खोलें, और उन ईमेल के लिंक पर क्लिक न करें जिन पर आप भरोसा नहीं करते। लेकिन केवल इतना ही पर्याप्त नहीं है। बहुत बार, दुर्भावनापूर्ण लिंक अनजाने में उन दोस्तों से भी आ सकते हैं जो स्वयं संक्रमित हो चुके हैं, या किसी ऐसे ईमेल Address से प्राप्त ईमेल जो प्रथम दृष्टया वैध लगते हैं, लेकिन वास्तव में नकली होते हैं। आमतौर पर इसे फ़िशिंग(Phshing) कहा जाता है। 

यदि आप वास्तव में सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो आप कभी भी ईमेल में प्राप्त हुए किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करते। लेकिन यह प्रैक्टिकली सुविधाजनक नहीं है, हालांकि आपके बैंक, क्रेडिट कार्ड आदि की वेबसाइट जैसे सुरक्षित स्थानों पर कोई स्पाम ईमेल लिंक की संभावना नगण्य होती है।

 

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सबसे पहले, जांचें कि ई-मेल में दी गई लिंक जा कहां रही है। लिंक कहां जा रही है यह जानने के लिए लिंक के ऊपर अपना करसर ले जाए। अब आपको सबसे नीचे बाई तरफ एक लिंक दिखाई देगी । अगर आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो जो यहां लिंक दिखाई दे रही है वहां आप लैंड करेंगे । अगर होवर करने से यानी अपना करसर लिंक पर ले जाने से ब्राउजर विंडो के नीचे बाई तरफ एक पॉपअप के रूप में लिंक नहीं दिखाई देती तब भी आप लिंक पर क्लिक नहीं करें बल्कि लिंक पर राइट क्लिक करें और "लिंक एड्रेस कॉपी करेंCopy link address.” पर क्लिक करें । अब आप अपना नोट पैड खोलें और यह लिंक पेस्ट कर दें अब इसकी जांच कर ले यहां आपको पता लग जाएगा कि इस लिंक पर क्लिक करने से आपको कहां ले जाएंगे । 

अगर लिंक "amazon.in" कहता है, लेकिन वास्तविक गंतव्य यानी आपके ब्राउज़र के नीचे बाएं कोने में पॉप अप में "amazon.clickme.in" दिखाता है, तो निश्चय ही कुछ संदिग्ध है, और आपको इस लिंक पर बिल्कुल भी क्लिक नहीं करना चाहिए। याद रखें, सिर्फ इसलिए कि इसमें "amazon" शब्द है, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि यह amazon में जा रहा है । तो क्लिक करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह लिंक आपको वास्तविक साइट पर ही ले जा रहा है। 


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 इंटरनेट से प्रोग्राम डाउनलोड करते समय सावधान रहें 

यह टिप पढ़कर आपको स्पष्ट रूप से ऐसा भी लग सकता है - आप यह बात तो हमेशा सुनते रहते हैं, और शायद आपको ऐसा भी लग सकता है कि आप इसका सावधानीपूर्वक अनुसरण भी करते हैं। लेकिन रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि बहुत सारे मालवेयर विंडोज यूजर्स का एनकाउंटर खराब सॉफ्टवेयर को गलती से डाउनलोड करने और इंस्टॉल करने के परिणामस्वरूप ही होते है। 

इसलिए हमेशा उन प्रोग्रामों के बारे में सावधान रहें जिन्हें आप डाउनलोड करते हैं और चलाते हैं। केवल ऐसे सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करें और चलाएं जो व्यापक रूप से ज्ञात और विश्वसनीय हों, या विश्वसनीय साइटों द्वारा अनुशंसित हों। सुनिश्चित करें कि आप हमेशा किसी भी प्रोग्राम को इसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करते है - उदाहरण के लिए यदि आप व्हाट्सएप डाउनलोड करते हैं तो व्हाट्सएप की अधिकृत वेबसाइट से ही डाउनलोड करें, अगर आप VLC मीडिया प्लेयर डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इसे VLC की आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें। किसी अन्य वेबसाइट पर "डाउनलोड व्हाट्सएप" या "डाउनलोड वीएलसी" जैसे बैनर पर क्लिक करके कभी डाउनलोड न करें और इसे न ही किसी अन्य व्यक्ति से डाउनलोड करें क्योंकि अन्य व्यक्ति भी मैलवेयर या एडवेयर के साथ बंडल कर सकता है। यहां तक कि अगर आप किसी सर्च इंजन का उपयोग कर रहे तब भी सुनिश्चित करें कि यह आपको वास्तविक साइट पर ले जा रहा है और डाउनलोड किसी भी सॉफ्टवेयर की अधिकृत वेबसाइट से ही करें । 


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 सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते समय, इस बात से भी सावधान रहें की सॉफ्टवेयर की "डाउनलोड" लिंक के पीछे छुपा हुआ मालवेयर हो सकता है. कोई छुपा हुआ विज्ञापन हो सकता है । मालीशियस सॉफ़्टवेयर हमेशा आपको चकमा देकर डाउनलोड करने और किसी भी बंडल किए गए सॉफ़्टवेयर को अनचेक करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश करते हैं । ऐसा कई बार लेजिटीमेट सॉफ्टवेयर के साथ भी हो सकता है । 

ज्ञात रहे कि "प्रोग्राम" के कई अलग-अलग प्रकार हैं- उदाहरण के लिए, .SCR फॉर्मेट में स्क्रीनसेवर निश्चय ही एक सॉफ्टवेयर हैं लेकिन इसमें हानिकारक मैलवेयर भी हो सकते हैं। अब तक 50+ विभिन्न प्रकार के फ़ाइल एक्सटेंशनों की जानकारी है, जो संभावित रूप से विंडोज पर खतरनाक साबित होते हैं। 

यहां मैं यह कहे बिना नहीं रह सकता, कि कृपया पायरेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करना बंद करें। जब आप अपने किसी peer-to-peer नेटवर्क या डार्क वेबसाइटों से पायरेटेड या क्रैक किए गए सॉफ़्टवेयर प्राप्त करते हैं, तो अनजाने में ही आप एक बहुत बड़े जोखिम की ओर बढ़ते हैं। ऐसे स्थानों से कोई भी .exe फ़ाइल डाउनलोड करके चलाकर, आप ऐसे लोगों पर भरोसा करते हैं और मान लेते हैं कि कुछ भी हानिकारक नहीं है लेकिन वास्तव में वहां कुछ भी सही नहीं होता। इससे भी बुरी बात यह है कि इस तरह के सॉफ्टवेयर कभी सही काम नहीं करते बल्कि पूरे सिस्टम को ठप कर सकते हैं। आप यह नहीं जान सकते कि उनमें मैलवेयर शामिल है या नहीं लेकिन असल में इनमें मालवेयर शामिल होते हैं। 

 

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पॉपअप सूचनाओं पर भरोसा न करें और सावधानी बरतें 

कभी भी अनावश्यक फाइल या सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें। साइबर अपराधी ज्यादा लोकप्रिय सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए पॉप अप दिखाते हैं और इस श्रेणी में एडोब फ्लैश प्लेयर का नाम सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है । यदि कोई वेबसाइट आपको पॉप अप दिखाती है कि फ्लैश आउट ऑफ डेट है, अथवा आपके क्रोम को अपडेट करना होगा, या कोई प्लगइन जोड़ना होगा तो तुरंत चौकन्ना हो जाइए। यह हमलावर द्वारा आपको कुछ इंस्टॉल करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सबसे ज्यादा अपनाई जाने वाली सामान्य चाल है। यदि आपको लगता है कि यह पॉप-अप लेजिटीमेट हो सकता है, फिर भी आप को उस पर क्लिक नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपको फ्लैश अपडेट करना भी है तो एडोब की साइट पर जाइए वहां से अपडेट कीजिए पॉपअप में दी गई लिंक पर क्लिक करके कभी भी किसी सॉफ्टवेयर को अपडेट मत कीजिए

यही सावधानी "तकनीकी सहायता" संबंधी पॉपअप नोटिफिकेशन पर भी लागू होती है। कई बार आपको किसी साइट से पोपट दिखाई दे सकता है कि आपके सिस्टम में हमें मालवेयर या वायरस मिला है और हम उसे हटाना चाहते हैं आपको कुछ क्लिक्स के लिए भी सलाह दी जा सकती है लेकिन ऐसी गलती कभी ना करें आप अपने सिस्टम में इनस्टॉल किया गया एंटीवायरस सॉफ्टवेयर चलाएं वह काफी है। या Microsoft के नाम से ऐसे ही किसी विषय में कोई टेलीफोन कॉल भी आ सकती है जिसका असल में माइक्रोसॉफ्ट से कोई लेना-देना ही नहीं होता है । ऐसे टेलीफोन कॉल पर कभी भी कोई कार्यवाही नहीं करें । 


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ऊपर जो सलाह दी गई है तथा विचार व्यक्त किए गए हैं उनको अपनाने या लागू करने के लिए आपको किसी भी प्रकार की उच्च तकनीक बल्कि तकनीक की भी जरूरत नहीं है । इतने उन्नत और जटिल भी नहीं है कि इन को समझने या लागू करने के लिए आपको किसी विज्ञान की या कंप्यूटर विज्ञान की डिग्री या विशेष जानकारी होना आवश्यक हो। बस आपके सामान्य व्यवहार को एडजस्ट करने के सरल तरीके हैं जो आपकी सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देंगे - और यह ऐसे पॉइंट है जिनको हर सामान्य पढ़ा लिखा आदमी आसानी से उपयोग कर सकता है और करना भी चाहिए। 

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