बहुत हानिकारक साबित हो सकते हैं आपके एंड्रॉयड स्मार्टफोन में यह पांच एप्स इन्हें तुरंत डिलीट करें दोबारा कभी इंस्टॉल नहीं करें।
एंड्रॉइड एक बहुत ही लोकप्रिय सॉफ्टवेयर software है और एंड्रॉइड OS वाले स्मार्टफोन को उपयोग कैसे किया जाता है, यह बात उपभोक्ताओं को बताने की जरुरत नहीं है क्योंकि सभी उपभोक्ता इसका उपयोग बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। लेकिन बहुत सी ऐसी गलतियां हैं जो लगभग सभी यूजर्स करते हैं और इसी लिए हमने यहां उन गलतियों और उनसे होने वाले नुकसान के बारे में बताना जरूरी समझा । फोन को यूसेज से जुड़े कुछ ऐसे टिप्स हैं जिनके बारे में उपभोक्ताओं का एक बहुत बड़ा वर्ग या तो अनभिज्ञ है या लापरवाह है। यहाँ हम कुछ ऐसे टिप्स बता रहे जिन्हें फॉलो करके आप अपने फोन के कार्य निष्पादन(Performance) अपने फोन की बैटरी लाइफ और अपने फोन की स्पीड तीनों को ही बेहतर कर सकते हैं।
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5 Harmful Android Apps |
(1)बैटरी सेवर एप्प(Battery Saver App) कभी इनस्टॉल न करें।
अपने फोन में कभी भी बैटरी सेवर ऐप या ऐसा कोई ऐप जो फोन की बैटरी बचाने का दावा करता है कभी भी इंस्टॉल ना करें ।
1. आपके फोन के निर्माता कंपनी के पास आपके हैंडसेट के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ होते हैं इसलिएअगर किसी ऐप से फोन की बैटरी बचाई जा सकती तो यकीन मानिए कंपनी आपको प्रीलोडेड ही देती।
2. सबसे पहली बात तो यह कि जो ऐप आपके फोन की बैटरी बचाने का दावा कर रहा है वह आपके फोन की उसी बैटरी से चलेगा जिसको बचाने का दावा कर रहा है अर्थात बचाने की जगह वह ज्यादा बैटरी ही खायेगा।
3. यह आपके फोन की सेटिंग बदल देता है।
4. बैकग्राउंड एप्प्स(Background apps) को समाप्त(Kill) कर देता है और यह ऐप दुबारा नए सिरे
से चालू होते हैं जिससे बैटरी एक्स्ट्रा खर्च होती है ।
5. फोन के एप्प्स डैमेज कर सकता है।
6. फोन की बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है। (May damage your Phone Battery)
(2)फेक और मुफ्तके एप्प्स(Fake & free) से हमेशा बचें।
यहां
हमने 2 तरह के ऐप्स बताए हैं फेक ऐप्स और मुफ्त के ऐप्स तो सबसे पहले तो फेक एप्स और
मुफ्त के एप्स के बारे में समझना जरूरी है
फेक एप्स क्या होते हैं?
अगर
सामान्य भाषा में कहें तो फेक ऐप यानी यह ऐप नकली है फेक ऐप्स वह ऐप होते हैं जो किसी
बहुत ही पॉपुलर ऐप की नकल होते हैं ओरिजिनल एप कोई और कंपनी बनाती है और कोई दूसरा
उसकी नकल कर लेता है उस ऐप को फेक ऐप कहते हैं इसे इस तरह समझिए बहुत ही पॉपुलर मैसेजिंग
एप व्हाट्सएप की नकल कर ली गई है आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 1000000 से भी अधिक
उपभोक्ता व्हाट्सएप का नकली ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं और उनको पता भी नहीं है कि हम नकली
ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं
विस्तार से जानने के लिए यह वीडियो देखें।
Watch this small video to learn the step by step process
मुफ्त के ऐप क्या होते हैं?
मुफ्त
के एप वह होते हैं जिनके लिए हमें कोई भुगतान नहीं करना पड़ता कुछ ऐप तो ऐसे होते हैं
जो अपने दो संस्करण रखते हैं एक तो फ्री का और दूसरा प्रीमियम यानि भुगतान लेकर डाउनलोड
करने की अनुमति देते हैं और कुछ ऐप ऐसे होते हैं जिनका प्रीमियम संस्करण नहीं होता
तथा ऐप पूर्णतया मुफ्त होता है अब यह समझिए कि कोई भी कंपनी या कोई भी आदमी आप के फायदे
के लिए कोई ऐप नहीं बनाएगा वह अपने ऐप से कुछ न कुछ कमाएगा और वह कमाता है उस एप पर
विज्ञापन देकर विज्ञापन में हानिकारक और मालवेयर भी हो सकते हैं अगर हानिकारक विज्ञापन
या मालवेयर नहीं भी हुए तो भी आपको बार-बार डिस्टर्ब और आपके फोन की बैटरी एक्स्ट्रा
खर्च तो होगी ही
1. फेक और मुफ्त के एप्प्स(Fake & free apps) आपके फोन को डैमेज कर सकते हैं।
2. इन पर अत्यधिक विज्ञापन आते हैं जो जोखिम भरे और दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले (Risky & Malicious) एडस भी हो सकते हैं ।
3. जब दो या कई एप्प एक जैसे दिखें तो विशेष सावधानी बरतें।
4. कृपया यह निश्चित जाने. कि किसी भी एप्प से हार्डवेयर की क्षमता में परिवर्तन सम्भव नहीं है।
5. हमेशा एप्प की अधिकृत वेबसाइट या गूगल प्ले स्टोर (Official Website or google play
store) से ही एप्प डाउनलोड करें।
(3)बैकग्राउंड में चलनेवाले एप्प्स के साथ छेड-छाड़ करना।
आपके फोन में बहुत से ऐप्स होते हैं जो दिखते नहीं लेकिन फोन के बैकग्राउंड में चलते रहते हैं। इन बैकग्राउंड में चलने वाले एप्स के साथ कभी भी किसी तरह की छेड़छाड़ ना करें। आपके फोन में ऐसी व्यवस्था होती है कि जो बैकग्राउंड में चलने वाले एप्स हैं वह बैकग्राउंड में चलेंगे ही आप चाहे जितनी कोशिश कर ले उनको रोकने की। अगर एक बार आपने बंद कर दिए तो वह अपने नए सिरे से चालू होंगे। अतः आप इनसे कभी भी छेड़छाड़ ना करें-
1. फोन के सभी एप्प्स स्वतः पुनः शुरू हो जाते है(Restart Automatically)।
2. फोन के सभी एप्प्स पुनः जीरो से शुरू होते हैं।
3. आपका फोन सारा का सारा डाटा पुनः स्टोर करता है।
4. इस प्रक्रिया में बैटरी पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है।
5. इस प्रक्रिया में फ़ोन की RAM पर विपरीत असर होता है।
6. एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम में RAM को Automatically मैनेज करने की व्यवस्था है अतः यह प्रक्रिया अनावश्यक है।
(4)फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करना
आजकल सभी उपभोक्ता वायरस मालवीय साइबर अटैक आदि के प्रति बहुत जागरूक है। यह बहुत ही अच्छी बात है इसी क्रम में बहुत से उपभोक्ता अपने स्मार्टफोन में कोई न कोई एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर लेते हैं जो कि उनको नहीं करना चाहिए क्योंकि एंड्राइड में वायरस मालवेयर साइबर अटैक से प्रोटेक्शन की व्यवस्था मूल सॉफ्टवेयर में ही मौजूद है।
1. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने से फोन की स्पीड कम हो जाती है।
2. फोन की सुरक्षा(Security) पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
3. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर फाइलों को बार बार स्कैन करता है जिससे बैटरी ज्यादा खर्च होती है।
https://www.youtube.com/watch?v=WVAzNjKa0PY
(5)अपुष्ट श्रोत(Unauthenticated Source) से एप्प डाउनलोड न करें
अपुस्ट स्रोत से, यानी हम जो सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर रहे हैं वह किसने बनाया है बनाने वाला विश्वसनीय है या नहीं कहीं हम किसी साइबर अपराधी की साइड से तो सॉफ्टवेयर डाउनलोड नहीं कर रहे हैं आदि चीजों की पुष्टि होने से बगैर कभी भी किसी प्रकार का कोई भी सॉफ्टवेयर अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड या इंस्टॉल ना करें वरना आपके साइबर अपराधियों का शिकार होने के पूरे पूरे चांस हैं।
1. अपुष्ट श्रोत के एप्प पायरेटेड हो सकते हैं तथा आप किसी अनावश्यक कानूनी झंझट में फंस सकते हैं।
2. अपुष्ट श्रोत के एप्प साइबर अपराधी आपका डाटा चोरी करने में काम ले सकते हैं।
3. अपुष्ट श्रोत के एप्प आप की जासूसी करने के लिए काम में लिए जा सकते हैं.तथा आपकी निजता को गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं।
4. APK फाइल(Android Package File) आपके फोन के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
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4 टिप्पणियाँ:
Very useful information thanks for sharing.
Thanks for the nice comment
Very useful tips
Smartphone needs special carefulness
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