Understanding 10 dangerous malware terms explained जानिए 10 खतरनाक माल वेयर परिभाषाएं गंभीरता

Understanding 10 most severe Malware, how severe these are, all virus are not really virus जानिए 10 खतरनाक मैलवेयर, यह कितने खतरनाक है, सभी वायरस वास्तव में वायरस नहीं है

दोस्तों, आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे मैलवेयर के बारे में अधिकांश लोग हर प्रकार के मैलवेयर को "वायरस" ही समझते हैं चाहे वह मैलवेयर किसी भी श्रेणी का हो, लेकिन यह तकनीकी रूप से सही नहीं है। निश्चय ही आपने वायरस के अलावा भी कई और शब्दों के बारे में सुना होगा जैसे कि मैलवेयर, वर्म, ट्रोजन, रूटकिट, कीलॉगर, रेनसमव्हेयर स्पाइवेयर तथा और थी बहुत कुछ। लेकिन इन सभी शब्दों का क्या मतलब है आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं?

Malware terms explained

ये नाम इनको हमने नहीं दिए हैं बल्कि लेटेस्ट वेब सिक्योरिटी समस्याओं और ऑनलाइन तकनीकी खतरों के बारे में मुख्यधारा की न्यूज स्टोरीज में अपने काले कारनामों के कारण इन नामों ने अपने दम पर अपने आप जगह बनाई हैं। इन सब को विस्तार से समझने से आपको उन खतरों को समझने में मदद मिलेगी जिनके बारे में आपने सिर्फ सुना है लेकिन कभी सामना नहीं किया। लेकिन आज की वेब दुनिया में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की किस यूजर को किस समय इंटरनेट पर किस प्रकार के खतरे अथवा हमले का सामना करना पड़ जाए तो आइए इन सब पर विस्तार से चर्चा करते हैं

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(1)  मैलवेयर(Malware)

"मैलवेयर" शब्द का इस्तेमाल "दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर"(Malicious Software) के लिए किया जाता है लेकिन इसकी व्यापकता को देखते हुए इस के लिए यह शब्द आपको बहुत छोटा भी लग सकता है। अधिकांश लोग किसी भी प्रकार के हानिकारक सॉफ़्टवेयर को इंगित करने के लिए "वायरस" शब्द का उपयोग करते हैं, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि हर एक हानिकारक सॉफ्टवेयर वायरस नहीं है बल्कि वायरस भी वास्तव में एक विशिष्ट प्रकार का मैलवेयर है। मैलवेयर शब्द का स्कोप बहुत व्यापक है और "मैलवेयर" में सभी प्रकार के हानिकारक सॉफ़्टवेयर शामिल होते है नीचे हमने मैलवेयर की सभी श्रेणियों को अलग-अलग विस्तारपूर्वक समझाया हैं।

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(2)  वायरस(Virus)

जैसा कि आप जानते हैं अधिकांश लोग हर तरह के मैलवेयर को वायरस ही कहते हैं तो आइए हम भी वायरस से ही शुरु करते हैं वायरस भी एक प्रकार का मैलवेयर ही होता है, जो फ़ाइलों को संक्रमित करता है तथा फाइलों को संक्रमित कर के स्वचालित रूप से खुद की अनगिनत कॉपी तैयार करता है इसे यूं समझिए जैसे कि वास्तविक दुनिया में मानव के शरीर में वायरस जैविक कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं और स्वयं की प्रतियों को पुन: उत्पन्न करने के लिए उन जैविक कोशिकाओं का उपयोग करते हैं। वायरस स्वचालित रूप से अपनी कॉपी बनाता है इसलिए इसे self-replicating भी जाता है

एक वायरस कई अलग-अलग तरीकों से सिस्टम को नुकसान कर सकता है - पृष्ठभूमि में रहकर आप की निगरानी कर सकता है और आपके पासवर्ड, बैंक डीटेल्स, क्रेडिट कार्ड डीटेल्स तथा अन्य महत्वपूर्ण संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है, आपके डिवाइस पर अनचाहे विज्ञापन प्रदर्शित कर सकता है, यहां तक कि आपके कंप्यूटर को क्रैश(Crash) भी कर सकता है - लेकिन महत्वपूर्ण बात है इसके फैलने का तरीका जिसके कारण इसको वायरस नाम दिया गया है। जब आप वायरस संक्रमित सॉफ्टवेयर चलाते हैं, तो यह आपके कंप्यूटर पर मौजूद अन्य प्रोग्रामों को भी संक्रमित कर देता है। जब वही संक्रमित प्रोग्राम आप किसी अन्य कंप्यूटर पर चलाते हैं, तो वायरस उस कंप्यूटर पर मौजूद प्रोग्राम को भी संक्रमित कर देता है, और इसी तरह यह प्रक्रिया अनंत चलती रहती है। आप किसी संक्रमित वेबसाइट पर विजिट करते हैं तो उस साइट पर मौजूद वायरस आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर सकते हैं और अगर आपका कंप्यूटर संक्रमित है और किसी दूसरे कंप्यूटर ने उसके साथ संपर्क स्थापित किया तो वह कंप्यूटर भी संक्रमित हो जाएगा । उदाहरण के लिए, आप किसी वायरस संक्रमित USB स्टिक पर प्रोग्राम फ़ाइलों को अपने कंप्यूटर पर चला लेते हैं तो यह आपके कंप्यूटर को भी संक्रमित कर सकता है। अगर कोई उस संक्रमित USB स्टिक पर मौजूद प्रोग्राम किसी अन्य कंप्यूटर पर चलाया जाता है, तो वायरस दूसरे कंप्यूटर पर भी चला जाता है और प्रोग्राम फ़ाइलों को संक्रमित कर देता है। इस प्रकार से यह प्रक्रिया चलती रहती है और वायरस अनेक जगहों पर फैलता रहेगा।

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(3)  वर्म(Worm)

वर्म(Worm) भी एक वायरस के समान ही है, लेकिन इसका फैलने का तरीका वायरस से अलग है। फ़ाइलों को संक्रमित करने, फ़ाइलों को इधर-उधर करने और उन्हें अलग-अलग सिस्टम(System) पर चलाया जाने जैसी मानवीय गतिविधियों पर निर्भर होने के बजाय, एक वर्म(Worm) अपने आप ही कंप्यूटर नेटवर्क पर फैल जाता है।

उदाहरण के लिए, विंडोज एक्सपी के दिनों में ब्लास्टर और सैसर(Blaster and Sasser) वर्म(Worm)  बहुत तेज़ी से फैल जाते थे क्योंकि विंडोज़ एक्सपी में इंटरनेट सिस्टम सेवाओं को ठीक से सुरक्षित नहीं किया गया था और इंटरनेट खतरों के लिए पूरी तरह एक्सपोज्ड था। वर्म(Worm) सिस्टम की इन कमजोरियों का फायदा उठाते थे और उस को संक्रमित कर देते थे। वर्म(Worm) सेल्फ रिप्लिकेट होता रहता था और आगे से आगे संपर्क में आने वाले सिस्टम को संक्रमित करता जाता था। इस तरह के वर्म(Worm) अब आम नहीं हैं क्यों कि विंडोज को डिफ़ॉल्ट रूप से ठीक से फायरवॉल किया गया है, लेकिन वर्म(Worm) अन्य तरीकों से भी फैल सकते हैं - उदाहरण के लिए, मास इमेंलिंग(Mass Emailing) का तरीका काम में लिया जाता है।

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एक वायरस की तरह ही, एक वर्म(Worm) भी एक कंप्यूटर को संक्रमित करने के बाद संक्रमित सिस्टम को किसी भी तरह की अन्य हानी पहुंचाने में सक्षम होता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह किस तरह रिप्लिकेट होता है और किस तरह फैलता है इसी के आधार पर इसको वर्म(Worm) नाम दिया गया है

(4)  ट्रोजन (या ट्रोजन हॉर्स)Trojan (or Trojan Horse)

ट्रोजन हॉर्स, या ट्रोजन, एक प्रकार का मैलवेयर है जो संक्रमित डिवाइस के अंदर खुद को एक वैध फ़ाइल के रूप में छुपा रहता है। जब आप प्रोग्राम को डाउनलोड करते हैं और चलाते हैं, तो ट्रोजन हॉर्स पृष्ठभूमि में चलता रहता है, तथा आपके सिस्टम को अनजान तीसरे पक्ष(third-parties) अर्थात साइबर अपराधियों को एक्सेस करने की अनुमति दे देता है। ट्रोजन इन गतिविधियों से आपको किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकते हैं - जैसे कि कंप्यूटर पर चलने वाली गतिविधि की निगरानी करने के लिए, या आपके कंप्यूटर को किसी बॉटनेट में भी शामिल कर सकते हैं ट्रोजन का उपयोग फ्लडगेट(floodgates) खोलने और आपके कंप्यूटर पर कई अन्य प्रकार के मैलवेयर डाउनलोड करने के लिए भी किया जा सकता है।

मालवेयर ट्रोजन का नाम ट्रोजन इसके आपके कंप्यूटर में आने के तरीके के आधार पर रखा गया है। यह एक उपयोगी कार्यक्रम होने का दिखावा करता है और जब इसे चलाया जाता है, तो यह पृष्ठभूमि में छिप जाता है और साइबर अपराधियों को आपके कंप्यूटर तक पहुंच प्रदान करता है। यह वायरस और वर्म(Worm) की तरह खुद को कॉपी(सेल्फ रिप्लिकेट) करके अन्य फाइलों में प्रवेश नहीं करता तथा नेटवर्क को भी संक्रमित नहीं करता उदाहरण के लिए, किसी साइबर अपराधियों की वेबसाइट पर कोई पायरेटेड सॉफ़्टवेयर वास्तव में एक ट्रोजन हो सकता है।

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(5)  स्पाइवेयर(Spyware)

स्पाइवेयर एक प्रकार का दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर(malicious software) है जो आपकी जानकारी के बिना आप की जासूसी करता है। स्पाइवेयर कई तरह के विभिन्न उद्देश्यों के लिए बनाए जाते हैं यह स्पाइवेयर के उद्देश्य के आधार पर आपके कंप्यूटर से विभिन्न प्रकार के डेटा एकत्र करता है। विभिन्न प्रकार के मैलवेयर स्पाइवेयर के रूप में कार्य कर सकते हैं - ट्रोजन में भी दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर(malicious software) शामिल हो सकते हैं, उदाहरण के लिए कई बार कीलॉगर को वित्तीय डेटा चोरी करने के लिए आपके कीस्ट्रोक्स पर जासूसी करने के लिए शामिल किया जाता हैं।

कुछ स्पाइवेयर को मुफ्त उपलब्ध कराए गए सॉफ़्टवेयर के साथ बंडल करके भी फैलाया जा सकता है और इस तरह का स्पाईवेयर आपकी सामान्य वेब ब्राउज़िंग हैबिट्स पर नज़र रखकर उनकी रिकॉर्डिंग भी कर सकता है, इस डेटा को बाद में विज्ञापन सर्वरों पर अपलोड करने हेतु विभिन्न उत्पाद निर्माताओं अथवा सॉफ्टवेयर के निर्माताओं को उपलब्ध कराया जा सकता है ताकि निर्माता आपकी गतिविधियों के अपने ज्ञान को बेचने से पैसा बना सके।

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(6)  एडवेयर(Adware)

एडवेयर(Adware) अक्सर स्पायवेयर के साथ आता है। यह भी एक प्रकार का सॉफ़्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर पर अनचाहे विज्ञापन प्रदर्शित करता है। किसी रनिंग प्रोग्राम जैसे कोई पोस्ट या कोई वीडियो प्रोग्राम के बीच में विज्ञापन प्रदर्शित करते हैं, वे लेजिटीमेट होते हैं और आमतौर पर ऐसे विज्ञापनों को मैलवेयर के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता हैं। विशेष रूप से दुर्भावनापूर्ण "एडवेयर"(Malicios Adware) उस तरह का होता है जो विज्ञापनों को प्रदर्शित करने के लिए आपके सिस्टम तक इसकी पहुंच का दुरुपयोग करता है जब कि यह गैर कानूनी है अवैध है और ऐसा नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए, हानिकारक एडवेयर आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर पॉप-अप विज्ञापन प्रदर्शित कर सकता है जबकि उसमें आप कुछ भी नहीं कर रहे होते हैं या, एडवेयर अन्य वेब पेजों में अतिरिक्त विज्ञापन इंजेक्ट कर सकते हैं जैसे ही आप वेब ब्राउज़ करते हैं आपको पहले विज्ञापन दिख जाता है।

Adware को अक्सर स्पायवेयर के साथ जोड़ा जाता है - मैलवेयर आपकी ब्राउज़िंग हैबिट्स पर भी नज़र रख सकता है और उनका उपयोग आपको अधिक लक्षित विज्ञापन(Targeted Ads) प्रदर्शित करने के लिए कर सकता है। कुछ लोग Adware को विंडोज पर अन्य प्रकार के मैलवेयर की तुलना में "सामाजिक रूप से स्वीकार्य" मानते हैं और आप भी चाहे तो एडवेयर को वैध कार्यक्रमों के रूप में देख सकते हैं।

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(7)  कीलॉगरkeylogger

कीलॉगरkeylogger भी एक प्रकार का मैलवेयर ही है जो पृष्ठभूमि में चलता रहता है यह आपके द्वारा किए गए प्रत्येक कुंजी स्ट्रोक(key stroke) को रिकॉर्ड करता है। इन कीस्ट्रोक्स में उपयोगकर्ता का नाम, पासवर्ड, बैंक डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड नंबर और अन्य संवेदनशील डेटा शामिल हो सकते हैं। कीलॉगरkeylogger स्वचालित रूप से समय-समय पर तथा कभी-कभी लाइव भी इन कीस्ट्रोक्स को एक दूरस्थ दुर्भावनापूर्ण सर्वर(malicious server) पर अपलोड करता है या लाइव भी दिखाता रह सकता है साइबर अपराधियों द्वारा इसका विश्लेषण किया जा सकता है और वे लोग इतने शातिर होते हैं कि इनमें से उपयोगी डाटा जैसे कि नाम, पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर तथा अन्य संवेदनशील डाटा निकाल सकते हैं।

अन्य प्रकार के मैलवेयर भी कीलॉगर के रूप में कार्य कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, वायरस, वर्म या ट्रोजन एक कीलॉगर के रूप में भी कार्य कर सकता है। प्रतिद्वंद्वी व्यवसायों या ईर्ष्यालु जीवनसाथियों द्वारा भी निगरानी के उद्देश्यों के लिए कीलॉगर्स लगाए जाने के प्रकरण भी सामने आए हैं।

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(8)  बोटनेट, बॉटBotnet, Bot

एक बॉटनेट कंप्यूटरों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क होता है जो बॉटनेट क्रिएटरBotnet creator के नियंत्रण में काम करता है। प्रत्येक कंप्यूटर एक "बॉट" के रूप में कार्य करता है क्योंकि प्रत्येक कंप्यूटर एक विशिष्ट मैलवेयर से संक्रमित होता है।

एक बार जब बॉट सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर को संक्रमित कर देता है, तो यह किसी न किसी नियंत्रण सर्वर से जुड़ जाएगा और बॉटनेट क्रिएटरBotnet creator के निर्देशों का इंतजार करेगा। उदाहरण के लिए, एक बोटनेट का उपयोग DDoS (Distributed Denial of Service) हमले करने के लिए किया जा सकता है। बोटनेट के प्रत्येक कंप्यूटर को एक विशिष्ट वेबसाइट या सर्वर को एक ही बार में यानी एक साथ अनुरोध के साथ बमबारी करने के लिए कहा जाएगा, और इन लाखों अनुरोधों के कारण जिस सर्वर पर यह हमला किया गया है वह अप्रतिसादी(unresponsive) या क्रैश(Crash) भी हो सकता है।

कई बार यह भी सामने आया है कि बॉटनेट क्रिएटरBotnet creator अपने बॉटनेट तक पहुंच बेच देते हैं, जिससे अन्य साइबर अपराधी अपने अवैध काम करने के लिए बड़े बॉटनेट का उपयोग कर सकते हैं।

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खास बात यह है कि जिन कंप्यूटरों पर वह सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर दिया गया है उनको तो यह पता होता है कि उनके कंप्यूटर में कोई ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया हुआ है तथा कब इंस्टॉल किया गया है और ना ही किसी तरह के किसीDDoS (Distributed Denial of Service) हमले के बारे में ही कंप्यूटरों के मालिकों को कभी पता चलता है।

(9)  रूटकिटRootkit

एक रूटकिट एक प्रकार का मैलवेयर है, जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि आपके कंप्यूटर में गहराई में छुप जाता है जिस कारण आपके सुरक्षा सॉफ्टवेयर तथा आप द्वारा भी पकड़ में आने से बच जाता है। उदाहरण के लिए, एक rootkit विंडोज के अधिकांश सॉफ्टवेयर से पहले ही लोड हो सकता है, खुद को सिस्टम की गहराई में दफन कर लेता है और सिस्टम फ़ंक्शन को संशोधित कर सकता है ताकि सुरक्षा सॉफ्टवेयर को इस का पता चल सके। एक रूटकिट स्वयं को इस तरह से छिपा सकता है, कि यह विंडोज टास्क मैनेजर की पकड़ में भी नहीं आता है।

यह एक बार आने पर अपने छिपने और अपने आप को छिपाने पर केंद्रित रहता है तथा इसी कारण इसको रूट किट नाम दिया गया है।

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(10)  रैंसमवेयरRansomware

रैनसमवेयर काफी नई प्रकार का मालवेयर है। यह आपके कंप्यूटर या फाइलों को इंक्रिप्ट कर देता है तथा बंधक रख लेता है और डिक्रिप्ट करने या वापस करने के बदले आपसे फिरौती की मांग करता है। जानकारी के अनुसार रैनसमवेयर द्वारा मांगी गई फिरौती की रकम लगभग यूएस डॉलर 300 के आसपास होती है कुछ रैंसमवेयर एक पोप अब(Pop Up) बॉक्स डिस्प्ले करके पैसे के लिए पूछ सकते हैं। इस तरह के संकेतों से किसी अच्छे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के जरिए आसानी से निपटा जा सकता है

क्रिप्टोकरंसी जैसे रैनसमवेयर अधिक हानिकारक साबित होते हैं जो आपकी फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर देते हैं और उन्हें एक्सेस करने से पहले आपसे भुगतान की मांग करते हैं। इस प्रकार के मैलवेयर खतरनाक होते हैं, खासकर यदि आपके पास अपनी फाइलों का बैकअप नहीं है।

इन दिनों अधिकांश मैलवेयर पैसा कमाने के लिए बनाए जाते हैं, और रैंसमवेयर उसी का एक अच्छा उदाहरण है। रैंसमवेयर आपके कंप्यूटर को क्रैश नहीं करना चाहता है बल्कि आपके सामने परेशानी खड़ी करने के लिए आपकी फ़ाइलों को हटा देता है। यह कुछ बंधक लेना चाहता है ताकि आपसे शीघ्र भुगतान प्राप्त किया जा सके।

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कई लोग यह जरुर सोचते होंगे कि जो इन सब से बचाता है इसे "एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर" क्यों कहा जाता है? खैर, पहली बात तो यह कि सबसे पहले वायरस ही प्रकाश में आया दूसरी बात यह कि ज्यादातर लोग आज भी "वायरस" शब्द को पूरी तरह से मैलवेयर का पर्याय मानते हैं। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर केवल वायरस से रक्षा करता है, बल्कि कई प्रकार के मैलवेयर से भी रक्षा करता है - सिवाय, कुछ "संभावित रूप से अवांछित प्रोग्राम"“potentially unwanted programs” के कृपया यह भी जान लीजिए कि "संभावित रूप से अवांछित प्रोग्राम"“potentially unwanted programs” हमेशा हानिकारक नहीं होते हैं आमतौर पर इनसे निपटने के लिए अलग सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।

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नमस्कार, धन्यवाद आपका दिन शुभ हो ।

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